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North Indian pandit for Grihapravesh in Sarjapur यह घर के मालिक पर निर्भर करता है कि गृह प्रवेश समारोह छोटा हो या बड़ा। आमतौर पर नकारात्मक शक्तियों को खत्म करने के लिए हवन कराया जाता है। इसमें गणेश पूजा, नवगृह शांति, जिसमें 9 गृहों और वास्तु पूजा की जाती है। इस समारोह में आप पुजारी समेत जिन दोस्तों या रिश्तेदारों को बुलाते हैं, उन्हें खाना खिलाया जाता है। गृह प्रवेश तब ही करें जब नया घर परिवार के लिए रहने लायक हो। वास्तु प्लस के वास्तु सलाहकार नितिन परमार के मुताबिक, घर में काम पूरा होना चाहिए और इसमें नया पेंट होना चाहिए। अगर स्वतंत्र घर है तो छतें भी तैयार होनी चाहिए। घर में गेट, खिड़कियां और अन्य फीटिंग्स भी पूरी होनी चाहिए। परमार ने कहा कि वास्तु पुरुष और अन्य देवी-देवताओं की पूजा होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि घर के मुख्य द्वार पर स्वास्तिक और माता लक्ष्मी के पैरों के निशान बने होने चाहिए। घर के मुख्य द्वार को तोरण से सजाया जाना चाहिए। यह आम के पत्तों और गेंदे के फूलों से बना होता है। घर का मंदिर उत्तर-पूर्व दिशा में होना चाहिए व इसे गृह प्रवेश के दिन ही स्थापित करना चाहिए। यह घर के मालिक पर निर्भर करता है कि गृह प्रवेश समारोह छोटा हो या बड़ा। आमतौर पर नकारात्मक शक्तियों को खत्म करने के लिए हवन कराया जाता है। इसमें गणेश पूजा, नवगृह शांति, जिसमें 9 गृहों और वास्तु पूजा की जाती है। इस समारोह में आप पुजारी समेत जिन दोस्तों या रिश्तेदारों को बुलाते हैं, उन्हें खाना खिलाया जाता है। गृह प्रवेश होने के बाद परिवार नए घर में रह सकता है।
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